महाकुम्भ मेला-2025

13 जनवरी - 26 फरवरी

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उपलब्धियाँ

महाकुम्भ मेला 2025 प्रयागराज
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मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर
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बसों की सबसे लंबी परेड
28 फरवरी, 2019 को 503 विशेष कुम्भ मेला बसों की प्रयागराज शहर में 3.2 किलोमीटर की लम्बी परेड की गयी।
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हैंडप्रिंट पेंटिंग में सर्वाधिक योगदान
01 मार्च, 2019 को 8 घंटों में 7,644 व्यक्तियों ने हैंडप्रिंट पेंटिंग में योगदान दिया।
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एक साथ सबसे ज्यादा लोगों द्वारा साफ़ सफाई करना (एकाधिक स्थान)
02 मार्च 2019 को 10,181 सफाईकर्मियों ने एक साथ सफाई की।
डेनियल चुबुरू,
अर्जेंटीना गणराज्य के राजदूत-
‘‘मैं कुम्भ 2019 की तैयारियों और भारत तथा उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इस यात्रा हेतु की गयी व्यवस्था से बहुत प्रभावित हूँ। ये तैयारियाँ विशाल और दिव्य एवं भव्य कुम्भ 2019 के स्वरूप की सम्पूर्ण सूचना देती हैं। मैं यह देख सकता हूँ कि मेले में आने वाले करोड़ों लोग आवश्यक सुविधाएँ और सेवा प्राप्त कर सकेंगे।‘‘
मथियस राडोस्टिच,
चार्ज-डी अफेयर्स, आस्ट्रिया गणराज्य-
“हम सब कुम्भ 2019 की तैयारियों को दिखाने के लिए भारत सरकार और उत्तर प्रदेश शासन के आभारी हैं। यह सचमुच महान है और हम अपने नागरिकों को मेला में आने के लिए प्रोत्साहित करेंगे।”
नादिर पटेल,
कनाडा के उच्चायुक्त
“कुम्भ मेला-2019 की तैयारियों का ब्यौरा और बारीकियों तथा संगठन का स्तर सचमुच भव्य है। सुरक्षा और बचाव की तुलना में चुनौतियाँ असंख्य हैं, परन्तु जो योजनाएँ बनायी गयी है, वे विलक्षण हैं। मुझे दो पहिया बाइक, जमीन तथा पानी में सुरक्षा सुनिश्चित करने वाले उपकरण बहुत पसन्द आए। सुरक्षा कैमरों से लैश आतंकरोधी इकाई और कमाण्डो - सभी नितांत अद्भुत थे। जैसा कि हमारे यहाँ एक विशाल भारतीय प्रवासी समुदाय है, हम लोग बहुत सारे कनाडावासियों के कुम्भ मेला में आने की अपेक्षा करते हैं। हम लोग इस दिशा में वाणिज्य स्तरीय परिप्रेक्ष्य से काम कर रहे हैं। इस महान व्यवस्था के लिए प्रबन्धकों विशेषकर उत्तर प्रदेश पुलिस को बधाई।”
पैनस कैलोगेरोपोलस,
ग्रीक राजदूत/हेलेनिक गणराज्य-
“मैं कुम्भ 2019 के आयोजन और इसमें आने वाले लोगों की संख्या को जानकर रोमांचित हूँ। इस आयोजन के लिए केन्द्र और राज्य के अधिकारियों की तैयारी सटीक है। प्रकृति की गोद में यह सचमुच एक शानदार आयोजन होगा। मैं सभी तीर्थयात्रियों और आयोजकों को एक अद्भुत अनुभव की शुभकामनाएँ देता हूँ।”
अरमांडो विवांको कैस्टेलानोस,
संयुक्त मैक्सिकन राज्य के राजदूत-
“किसी देश की जनसंख्या के बराबर के जनसमूह को कोई कैसे सम्भाल सकता है? मेक्सिको में लगभग 120 मिलियन लोग हैं, और यहाँ 50 दिनों के भीतर कुम्भ में लगभग इतनी ही संख्या में लोगों के आने की आशा है! मैं सचमुच प्रभावित हूँ। ध्वजारोहण समारोह शानदार रहा है और यह तथ्य कि हम सभी यहाँ मेला मैदान में अपने ध्वज फहरा सकें, यह तथ्प महत्त्वपूर्ण है। हम निश्चित रूप से इस कार्यक्रम को सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचारित करेंगे ताकि मैक्सिको के लोग मानवता की विशालतम शांतिपूर्ण सम्मेलन स्थल पर अपना ध्वज लहराता देख सकें।”
मोहम्मद मलिकी,
मोरक्को साम्राज्य के राजदूत-
“किसी ने कुम्भ मेले के बारे में कितना पढ़ा है, उसे जमीन पर इस स्तर के अति विशाल आयोजन की व्यवस्था में लगे अधिकारियों सहित चीजों को देखने की जरूरत है, यह देखकर ही विश्वास किया जा सकता है। मैं कृतज्ञ हूँ और इस सुंदर यात्रा की व्यवस्था करने के लिए भारत के विदेश मंत्रालय को धन्यवाद देना चाहता हूँ। मुझे यकीन है कि यह व्यवस्थित संसाधनों और कार्यक्रम की दृष्टि से एक सफल आयोजन होगा। कई देशों के ध्वज फहराने का विचार शानदार है और एक वैश्विक सम्मेलन के आयोजन का उदाहरण है। मैं इस आयोजन की गरिमा से अभिभूत हूँ और तैयारियों को देखने के लिए हमें आने की अनुमति देने के लिए सभी को बधाई देता हूं। इस स्थान का स्वच्छ और शान्तिपूर्ण वातावरण और साइबेरियन पक्षियों के समूहों से घिरी नाव की सवारी बहुत अच्छे अनुभव रहे।”
भरत कुमार रेग्मी,
प्रभारी डी‘अफेयर्स, नेपाल का संघीय लोकतांत्रिक गणराज्य
“हमें इस यात्रा के आयोजन के लिए विदेश मंत्रालय, भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार को धन्यवाद देना चाहिए। नेपाल और भारत के बीच अच्छे द्विपक्षीय संबंध हैं और बहुत अच्छी संख्या में नेपाली लोग भारत की यात्रा करते हैं। सभी अनुग्रह के लिए हम लोग विशेष आभार व्यक्त करते हैं।”
अदनान अबु अल हायजा,
फिलिस्तीन राज्य के राजदूत-
“यह एक शानदार यात्रा रही। हमें कुछ अद्भुत अनुभव हुए और हमने इस क्षेत्र की विरासत को समझा। आतिथ्य और सुरक्षा उत्कृष्ट रही है। राजनयिक दल इस यात्रा से खुश है। बड़ी संख्या में विद्यालय के बच्चों द्वारा हाथ हिलाकर प्रयागराज और कुम्भ मेला क्षेत्र में हमारा स्वागत करते देखना सबसे यादगार अनुभव रहा है।”
रुबेन बेनिटेज पाल्मा,
प्रभारी डी‘अफेयर, पैराग्वे गणराज्य
“मुझे यह जगह बहुत पसंद आयी। वास्तव में, मैं यहीं रहना चाहूँगा। यहाँ के लोग और उनका आतिथ्य शानदार है। यहाँ अलग-सा अहसास होता है। परिदृश्य अविश्वसनीय है, कुल मिलाकर, यहाँ के लोग बेमिसाल हैं।”
कलुप ऑस्टिन फर्नांडो,
उच्चायुक्त लोकतांत्रिक समाजवादी गणराज्य, श्रीलंका-
“कुम्भ परिसर की यात्रा कई कारणों से बहुत अच्छी रही। मेरे देश में लगभग 10 प्रतिशत जनसंख्या हिंदू है और कुम्भ मेले के प्रति बहुत सम्मान है। वास्तव में, उनमें से अनेक लोग कुम्भ 2019 की यात्रा भी करेंगे। अब हमें मेले के लिए सरकार द्वारा की गई तैयारियों और सुविधाओं के बारे में अच्छी जानकारी है। इस यात्रा ने हमें यह समझने का अवसर दिया है कि मेले का पूरा संगठन पिछले कुम्भ मेलों से कैसे आगे है और कैसे यह तीन महीने से भी कम समय में 120 मिलियन लोगों की मेजबानी कर लेगा। मैंने पहले ही विस्तृत जानकारी प्रदान करने के लिए यहाँ के अधिकारियों से कहा है ताकि मैं एक सारांश बनाकर इसे श्रीलंका में हिंदू मामलों के मंत्री को भेज सकूं। मंत्री, विविध संगठनों, मन्दिरों और धार्मिक नेताओं के साथ इस पर चर्चा कर सकते हैं और तीर्थयात्रियों के लिए कुम्भ 2019 की यात्रा की अच्छी व्यवस्था कर सकते हैं। यह एक शानदार अनुभव था और मुझे इस यात्रा को यादगार बनाने के लिए अन्य अधिकारियों सहित राज्य सरकार, भारत के विदेश मंत्री, राजनयिक कोर के प्रमुख को अवश्य धन्यवाद देना चाहिए।”
नेजमेद्दीन लाखल,
ट्यूनीशिया के राजदूत-
“यह एक शानदार अनुभव था और मुझे खुशी है कि हमें इसमें सम्मिलित होने का अवसर प्राप्त हुआ। प्रयागराज पहुँचने के बाद से ही किए गये उल्लासपूर्ण स्वागत और आतिथ्य से हम अभिभूत हैं और भारत के विदेश मंत्रालय, उत्तर प्रदेश सरकार और इस यात्रा के आयोजन में शामिल सभी लोगों के प्रति आभार व्यक्त करते हैं।”
केनेथ इयान जस्टर,
संयुक्त राज्य अमेरिका के राजदूत-
“यह एक अद्भुत अनुभव है। मैं कुम्भ मेला-2019 के लिए की जा रही तैयारियों से बेहद प्रभावित हूँ और मुझे लगता है कि यह सार्थक और महत्त्वपूर्ण आध्यात्मिक कार्यक्रमों वाला एक शानदार समारोह होगा। मुझे उम्मीद है कि मैं कुम्भ मेले के बीच प्रयागराज जा सकूंगा। मैं इस यात्रा की व्यवस्था करने के लिए भारत के प्रधान मंत्री को धन्यवाद देता हूँ। यह वास्तव में कई स्मरणीय पलों के साथ बहुत खास रहा है। बस से प्रयागराज की यात्रा करना और कई मील तक स्कूली बच्चों द्वारा हमारी यात्रा का जश्न मनाना एक बेहद भावुक करने वाला अनुभव रहा है।”
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महाकुम्भ-2025 "जहाँ आस्था और सातत्य का मिलन होता है"

इस अलौकिक यात्रा में हमारे साथ सहभागी बने और परम्परा, भक्ति और प्रबोधन के संगम के साक्षी बने।

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Maha Kumbh Mela 2025 Prayagraj

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स्नान की तिथियाँ

कुम्भ में स्नान अत्यंत महत्त्वपूर्ण धार्मिक आचरण है। मकर संक्रांति से माघी पूर्णिमा तक संगम में स्नान करना पवित्र माना जाता है, फिर भी महाकुम्भ-2025 की कुछ स्नान तिथियाँ अत्यधिक महत्त्वपूर्ण हैं। मुख्य स्नान तिथियाँ इस प्रकार है -

पौष पूर्णिमा
13
जनवरी
2025
मकर संक्रांति
14
जनवरी
2025
मौनी अमावस्या
29
जनवरी
2025
वसन्त पञ्चमी
03
फरवरी
2025
माघी पूर्णिमा
12
फरवरी
2025
महाशिवरात्रि
26
फरवरी
2025
महाकुम्भ मेला 2025 प्रयागराज महाकुम्भ मेला 2025 प्रयागराज
bell-icon महाकुम्भ मेला 2025 प्रयागराज
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नवाचार

नागवासुकि मन्दिर का विकास एवं सौन्दर्यीकरण

महाकुम्भ मेला-2025 की तैयारी में, नागवासुकि मन्दिर का पुनरुद्धार किया जा रहा है, जिसमेंं पारम्परिक वास्तुकला का आधुनिक सौन्दर्यबोध के साथ मिलन किया गया है। इस पुनरुद्धार का उद्देश्य पवित्र आयोजन के दौरान आने वाले लाखों तीर्थयात्रियों के लिए धार्मिक - आध्यात्मिक अनुभव को और बेहतर बनाना है।

प्रयागराज महाकुम्भ मेला 2025 में नागवासुकि मंदिर

टेन्ट सिटी

टेन्ट सिटी महाकुम्भ मेला-2025 का एक महत्त्वपूर्ण घटक है, जिसमेंं 2000 से अधिक टेन्ट स्थापित किये जाएँगे। टेन्ट सिटी एक अस्थाई शहर के रूप विकसित किया जाएगा, जो इस पवित्र आयोजन के दौरान लाखों पर्यटकों और आगन्तुकों की मेजबानी का साक्षी बनेगा। पवित्र नदियों और घाटों के पृष्ठभूमि पर स्थापित टेन्ट सिटी एक अद्वितीय आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करने के साथ-साथ सांस्कृतिक आदान-प्रदान का भी माध्यम बनेगा। यह एक जीवंत केंद्र के रूप में स्थापित होगा। यहाँ विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों, आध्यात्मिक समारोह में भाग लेकर महाकुम्भ मेले के दिव्य वातावरण की अनुभूति प्राप्त करें।

महाकुम्भ मेला 2025 प्रयागराज में टेंट सिटी

अक्षयवट मन्दिर कॉरिडोर

महाकुम्भ मेला-2025 के लिए अक्षयवट मन्दिर का विशाल कॉरिडोर का निर्माण प्रारंभ है, जिसका स्थापत्य विलक्षण है। कॉरिडोर पवित्र अक्षयवट मन्दिर तक पहुंच आसान करेगा एवं आपकी आध्यात्मिक यात्रा को समृद्ध करेगा। इस कॉरिडोर में नक्काशीदार पथ, शांतिपूर्ण विश्राम स्थल, और मन्दिर के समृद्ध इतिहास और महत्त्व के बारे में जानकारी प्रदर्शित की जाएगी। चाहे आप आध्यात्मिक अनुभूति की तलाश में हों या वास्तुकला की सुंदरता का आनंद लेना चाहते हों, अक्षयवट मन्दिर कॉरिडोर एक अविस्मरणीय अनुभव प्रदान करेगा।

प्रयागराज महाकुम्भ मेला 2025 में अक्षयवट मंदिर

हनुमान मन्दिर स्थली

महाकुम्भ मेला-2025 के लिए हनुमान मन्दिर स्थली का विकास किया जा रहा है। मन्दिर पुनरुद्वार कार्य ने मन्दिर की वास्तुकला को जीवंत किया है। यह पर्यटकों को भक्ति और ध्यान के लिए एक स्थान प्रदान करता है। हनुमान मन्दिर स्थली, जो श्रद्धा, भक्ति और आस्था का प्रतीक है, महाकुम्भ मेला-2025 के भव्य आयोजन के दौरान अनगिनत श्रद्धालुओं का स्वागत करने के लिए तैयार है।

बड़े हनुमान जी प्रयागराज में जहां 2025 का महाकुम्भ मेला लगता है

महत्त्वपूर्ण स्थलों पर आरती का आयोजन

आरती आध्यात्मिकता एक दीप्त केंद्र बिंदु है, जहाँ श्रद्धालु भाग लेने के लिए एकत्रित होते हैं। आरती के दिव्य आयोजन में लयबद्ध मंत्र और मधुर भजन गूंजते हैं, इससे एक अलौकिक वातावरण निर्मित होता है जो इहलौकिकता से परे है। यह आयोजन आध्यात्मिक संगम का प्रतीक है जहाँ नदी की धारा आस्था की धारा के साथ मिलकर देवत्व का आह्वान करते हुए बहती है और तीर्थयात्रियों के मध्य एकत्व को प्रदर्शित करती है।

महाकुम्भ मेला 2025 प्रयागराज में आरती मंच

महाकुम्भ मेला क्षेत्र में सम्मेलन एवं सांस्कृतिक केंद्र

महाकुम्भ मेले में सम्मेलन और सांस्कृतिक केंद्र एक जीवन्त केंद्र के रूप में कार्य करते है। महाकुम्भ विविध सांस्कृतिक कार्यक्रमों और समारोहों के लिए एक मंच प्रदान करता है। यह अत्याधुनिक सुविधाओं से संपन्न है। सम्मेलन और सांस्कृतिक केंद्र धार्मिक प्रवचनों, पारम्परिक प्रदर्शनों और प्रदर्शनियों की आयोजन करते है, जिससे आध्यात्मिक आदान-प्रदान और सांस्कृतिक उत्सव का माहौल बनता है। इनका नियत स्थान तीर्थयात्रियों और आगन्तुकों के लिए पहुँच सुनिश्चित करता है। विभिन्न सम्मेलन और सांस्कृतिक केंद्र प्रयागराज में महाकुम्भ मेले के अनुभव की समग्र भव्यता को प्रदर्शित करते है।

महाकुम्भ मेला 2025 प्रयागराज में कन्वेंशन सेंटर

प्लास्टिक-मुक्त महाकुम्भ की योजना

2025 में प्लास्टिक-मुक्त महाकुम्भ मेले की व्यापक योजना को अन्तिम रूप दिया गया है, जिसमेंं पर्यावरण अनुकूल आयोजन सुनिश्चित करने के लिए सतत प्रयास पर जोर दिया गया है। नवीन अपशिष्ट प्रबंधन प्रणालियों, एकल उपयोग प्लास्टिक पर सख्त नियमों और व्यापक जागरूकता अभियानों के साथ, प्रयागराज मेला प्राधिकरण का एकमात्र लक्ष्य महाकुम्भ-2025 को एक हरित और स्वच्छ आयोजन के रूप में सफल बनाना है। यह पहल पर्यावरणीय प्रबन्धन के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है और भव्य आयोजन के दौरान आध्यात्मिकता और स्थिरता के सामंजस्यपूर्ण सह -अस्तित्व को बढ़ावा देती है।

प्लास्टिक मुक्त महाकुम्भ मेला 2025 प्रयागराज

वॉटर स्पोर्ट्स एरेना और फ्लोटिंग जेट्टीज

वॉटर स्पोर्ट्स एरेना और फ्लोटिंग जेट्टी महाकुम्भ-2025 की भव्य तैयारियों के अभिन्न अंग हैं। तीर्थयात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाने व सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए डिजाइन की गई ये नवीन विशिष्टियाँ आध्यात्मिकता और मनोरंजन का एक अनूठा मिश्रण प्रस्तुत करती है, जिससे तीर्थयात्रियों और आगंतुकों का समय आनंदमय व्यतीत होगा एवं वे महाकुम्भ-2025 के जीवंत वातावरण के बीच विभिन्न जल क्रीड़ाओं में सुगमतापूर्वक भाग ले सकेंगे।

महाकुम्भ मेला 2025 प्रयागराज में फ्लोटिंग जेटी

भव्य महाकुम्भ

एआई फ़ाइल का चित्रण Vector6
सुरक्षित महाकुम्भ मेला 2025 प्रयागराज 1
सुरक्षित महाकुम्भ: आई.सी.सी.सी. आधारित निगरानी
सुरक्षित महाकुम्भ मेला 2025 प्रयागराज 2
सुरक्षित महाकुम्भ: ड्रोन आधारित निगरानी
सुरक्षित महाकुम्भ मेला 2025 प्रयागराज 3
सुरक्षित महाकुम्भ: सुरक्षा बल
सुरक्षित महाकुम्भ मेला 2025 प्रयागराज 4
सुरक्षित महाकुम्भ: नियमित पुलिस अभ्यास

सुरक्षित महाकुम्भ

महाकुम्भ मेला 2025 में दिव्य यात्रा पर निकलें, जहाँ आपकी सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। सुरक्षित महाकुम्भ के शान्तिपूर्ण वातावरण का अनुभव करें।

#सुरक्षित महाकुम्भ

स्वच्छ महाकुम्भ मेला 2025 प्रयागराज 1
स्वच्छ महाकुम्भ: शौचालयों की स्थापना
स्वच्छ महाकुम्भ मेला 2025 प्रयागराज 2
स्वच्छ महाकुम्भ: नदियों की पवित्रता हेतु सफाई
स्वच्छ महाकुम्भ मेला 2025 प्रयागराज 3
स्वच्छ महाकुम्भ: अपशिष्टों का अत्याधुनिक प्रबंधन
स्वच्छ महाकुम्भ मेला 2025 प्रयागराज 4
स्वच्छ महाकुम्भ: सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट

स्वच्छ महाकुम्भ

महाकुम्भ-2025 का साक्षी बनें, जहाँ हर कदम पर स्वच्छता और पवित्रता का समावेश है। स्वच्छ महाकुम्भ की परिकल्पना को साकार करने में हमारे साथ जुड़ें, क्योंकि यहाँ पवित्र नदियाँ प्रवाहमान है।

#स्वच्छ महाकुम्भ

सुगम महाकुम्भ मेला 2025 प्रयागराज 1
सुगम महाकुम्भ: प्रदूषण रहित बैटरी चालित वाहन
सुगम महाकुम्भ मेला 2025 प्रयागराज 2
सुगम महाकुम्भ: दूरस्थ क्षेत्रो से महाकुम्भ तक आने का साधन
सुगम महाकुम्भ मेला 2025 प्रयागराज 3
सुगम महाकुम्भ: नौकाविहार के साथ संगम स्नान
सुगम महाकुम्भ मेला 2025 प्रयागराज 4
सुगम महाकुम्भ: योगः चित्तवृत्ति निरोध:

सुगम महाकुम्भ

महाकुम्भ मेला 2025 के दिव्य वातावरण में प्रवेश करे। सुगम महाकुम्भ अपेक्षित गंतव्यों तक सुविधाजनक तरीके से पहुँचने में आपका सहयोग करता है। इस आनंदमय यात्रा का हिस्सा बनें, जहाँ मेला क्षेत्र को आपके सुगम आवागमन हेतु नियोजित किया गया है ताकि महाकुम्भ मेला की पवित्र परम्पराओं के साथ आप सुगमतापूर्वक सहभागी बन सके।

#सुगम महाकुम्भ

सांस्कृतिक महाकुम्भ मेला 2025 प्रयागराज 1
सांस्कृतिक महाकुम्भ: भारत की सांस्कृतिक धरोहर की समृद्धि और विविधता का उत्सव
सांस्कृतिक महाकुम्भ मेला 2025 प्रयागराज 2
सांस्कृतिक महाकुम्भ: आ नो भद्राः क्रतवो यन्तु... का महाघोष
सांस्कृतिक महाकुम्भ मेला 2025 प्रयागराज 3
सांस्कृतिक महाकुम्भ: सर्वे भवन्तु सुखिनः... को दर्शाने वाला सामंजस्यपूर्ण उत्सव
सांस्कृतिक महाकुम्भ मेला 2025 प्रयागराज 4
सांस्कृतिक महाकुम्भ: वसुधैव कुटुम्बकम् एवं सांस्कृतिक एकता का प्रतीक

सांस्कृतिक महाकुम्भ

महाकुम्भ-2025: आध्यात्मिक-सांस्कृतिक ज्ञान की तीर्थयात्रा - जहाँ हर कदम सांस्कृतिक महाकुम्भ की ओर जाता है; यह भारत की विविध सांस्कृतिक विरासत का उत्सव है। घाटों पर गूँजती शास्त्रीय संगीत की आत्मविभोर करने वाली लय का अनुभव करें, भक्ति की कहानियाँ सुनते पारम्परिक नृत्य कलाओं को देखें, और गंभीर कला प्रदर्शनियों में प्रदर्शित शिल्प कौशल को देखकर आत्मविभोर हो जाएँ।

# सांस्कृतिक महाकुम्भ

महाकुम्भ मेला 2025 में हाथ के इशारे से अखाड़े Vector5

आध्यात्मिक गुरुजन

अखाड़े

अखाड़ा सामाजिक व्यवस्था, एकता और संस्कृति तथा नैतिकता का प्रतीक है। समाज में आध्यात्मिक मूल्यों की स्थापना करना ही अखाड़ों का मुख्य उद्देश्य है। “अखाड़ा तथा मठों की सबसे बड़ी जिम्मेदारी सामाजिक जीवन में नैतिक मूल्यों की स्थापना करना है।” अखाड़े भारतीय संस्कृति एवं एकता की रीढ़ है। अलग-अलग संगठनों में विभक्त होते हुए भी अखाडे़ एकता के प्रतीक हैं।

खाक चौक

“खाक चौक प्राचीन सन्त परम्परा है जहाँ तीन वैष्णव अखाड़ों से जुड़े सैकड़ों महन्त और महामण्डलेश्वर रहते हैं।” खाक चौक के संत सदैव धूना जलाए रखते हैं एवं शरीर पर भस्म लगाए रखते हैं। तीर्थयात्रियों और आगन्तुकों को खाकचौक सुविधा प्रदान करती है। खाक चौक का प्रबंधन एक समिति द्वारा किया जाता है। यह समिति तीन वैष्णव अखाड़ों के महन्तों और संतों का प्रबंधन और समायोजन करती है।

दण्डीबाड़ा

हाथ में ब्रह्म दण्ड धारण करने वाले संन्यासी को दण्डी संन्यासी कहा जाता है। दण्डी संन्यासियों का संगठन दण्डी बाड़ा के नाम से जाना जाता है। “दण्ड संन्यास” सम्प्रदाय नहीं अपितु आश्रम परम्परा है। प्रथम दण्डी संन्यासी के रुप में भगवान नारायण ने ही दण्ड धारण किया था।
“नारायणं पद्मभवं वशिष्ठं, शक्तिं च तत्पुत्रपराशरं च।
व्यासं शुकं गौड़पदं महान्तं, गोविन्दयोगिन्द्रमथास्य शिष्यम्।।
श्री शंकराचार्यमथास्यपद्मं, पादं च हस्तामलकं च शिष्यम्।
तं त्रोटकं वार्तिककारमन्या- नस्मद्गुरुन्संततमानतोऽस्मि।।”

आचार्यबाड़ा

आचार्यबाड़ा सम्प्रदाय रामानुज सम्प्रदाय के नाम से भी जाना जाता है। इस सम्प्रदाय के पहले आचार्य शठकोप हुए जो सूप बेचा करते थे।
“शूर्पं विक्रीय विचार शठकोप योगी” उनके शिष्य मुनिवाहन हुए। तीसरे आचार्य यामनाचार्य हुए। चौथे आचार्य रामानुज हुए। उन्होंने कई ग्रन्थ बनाकर अपने सम्प्रदाय का प्रचार किया।

प्रयागवाल

इतिहास में प्रसिद्ध तीर्थराज प्रयागराज की प्राचीनता के साथ-साथ प्रयागवालों का भी निकट का सम्बन्ध है। "प्रयागराज के अति प्राचीन निवासी होने के कारण इनका नाम प्रयागवाल पड़ा।" कुम्भ मेला व माघ मेले में आने वाले तीर्थयात्री प्रयागवाल द्वारा बसाये जाते रहे हैं और वे ही इनका धार्मिक अनुष्ठान करते हैं, जिसका विषद् वर्णन मत्स्य पुराण तथा प्रयाग महात्म्य में है। प्रयागराज में आने वाले प्रत्येक तीर्थयात्री का एक विशेष तीर्थ पुरोहित होता है। तीर्थयात्री और पुरोहित का सम्बन्ध गुरु-शिष्य परम्परा का द्योतक है।
Maha Kumbh Blogs

प्रकाशन

महाकुम्भ मेला 2025 प्रयागराज ब्लॉग 1
महाकुम्भ मेला 2025 प्रयागराज ब्लॉग 2
महाकुम्भ मेला 2025 प्रयागराज ब्लॉग 3
महाकुम्भ मेला 2025 प्रयागराज ब्लॉग 4
महाकुम्भ मेला 2025 प्रयागराज ब्लॉग 5
महाकुम्भ मेला 2025 प्रयागराज ब्लॉग 6
महाकुम्भ मेला 2025 प्रयागराज ब्लॉग 7

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