रेलवे स्टेशनों पर उपलब्ध सुविधाएं
- वेटिंग रूम और वेटिंग हॉल।
- स्लीपिंग पॉड्स।
- रिटायरिंग रूम/डॉरमेट्री।
- एग्जीक्यूटिव लाउंज।
- बुजुर्गों/दिव्यांगों के लिए प्लेटफॉर्म पर आवागमन हेतु बैटरी चालित कारें।
- व्हील चेयर।
- रेलवे स्टेशन के बाहर सार्वजनिक परिवहन।
- खानपान सुविधा।
- प्राथमिक चिकित्सा बूथ।
- पर्यटक बूथ।
- प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र।
- बहुभाषी घोषणा का प्रावधान।
- क्लॉक रूम।
नोट: मुख्य स्नान दिवसों पर आवागमन प्रतिबंध के कारण इनमें से कुछ सुविधाएं उपलब्ध नहीं भी हो सकती हैं |
प्रयागराज शहर में 9 रेलवे स्टेशन हैं जहाँ से विभिन्न दिशाओं के यात्री मुख्य स्नान दिवसों पर अपनी दिशा के अनुसार गाड़ी पकड़ सकते हैं:-
ज़ोन | रेलवे स्टेशन | दिशा की ओर |
---|---|---|
उत्तर मध्य रेलवे | प्रयागराज जंक्शन (PRYJ) |
कानपुर (CNB) पं. दीन दयाल उपाध्याय (DDU) सतना (STA) झांसी (VGLJ) |
नैनी जंक्शन (NYN) |
सतना (STA) झांसी (VGLJ) पं. दीन दयाल उपाध्याय (DDU) |
|
प्रयागराज छिवकी स्टेशन (PCOI) |
सतना (STA) झांसी (VGLJ) पं. दीन दयाल उपाध्याय (DDU) |
|
सूबेदारगंज स्टेशन (SFG) |
कानपुर (CNB) पं. दीन दयाल उपाध्याय (DDU) सतना (STA) झांसी (VGLJ) |
|
उत्तर रेलवे |
प्रयागराज संगम स्टेशन (PYGS) (मुख्य स्नान दिवसों को छोड़कर) |
अयोध्या (AY) जौनपुर (JNU) लखनऊ (LKO) |
प्रयाग जंक्शन. (PRG) |
अयोध्या (AY) जौनपुर (JNU) लखनऊ (LKO) |
|
फाफामऊ स्टेशन (PFM) | ||
पूर्वोत्तर रेलवे | प्रयागराज रामबाग स्टेशन (PRRB) |
वाराणसी (BSB) गोरखपुर (GKP) मऊ (MAU) |
झूसी स्टेशन (JI) |
कुम्भ मेले के दौरान यात्रियों की सुरक्षा और उनकी सुगम निकासी के लिए रेलवे स्टेशनों पर कुछ प्रतिबंध लगाए जाएंगे। प्रतिबंध की अवधि डी-1 से डी+2 तक होगी, जहां 'डी' मुख्य स्नान दिवस है।
क्रम संख्या | डी-डे (मुख्य स्नान दिवस | दिनांक | प्रतिबंध अवधि |
---|---|---|---|
1. | पौष पूर्णिमा | 13.01.2025 | 12.01.2025(00:00 hrs.) to 16.01.2025 (24:00 hrs.) |
2. | मकर संक्रांति | 14.01.2025 | 12.01.2025(00:00 hrs.) to 16.01.2025 (24:00 hrs.) |
3. | मौनी अमावस्या | 29.01.2025 | 28.01.2025(00:00 hrs.) to 31.01.2025 (24:00 hrs.) |
4. | बसंत पंचमी | 03.02.2025 | 02.02.2025(00:00 hrs.) to 05.02.2025 (24:00 hrs.) |
5. | माघ पूर्णिमा | 12.02.2025 | 11.02.2025(00:00 hrs.) to 14.02.2025 (24:00 hrs.) |
6. | महाशिवरात्री | 26.02.2025 | 25.02.2025(00:00 hrs.) to 28.02.2025 (24:00 hrs.) |
प्रतिबंध अवधि के दौरान
प्रयागराज जंक्शन
- प्रवेश केवल सिटी साइड (प्लेटफोर्म नं.--1 की ओर) से दिया जाएगा।
- निकास केवल सिविल लाइंस साइड की ओर से दिया जाएगा।
- अनारक्षित यात्रियों कों दिशावार यात्री आश्रय के माध्यम से प्रवेश दिया जाएगा।
- टिकट की व्यवस्था यात्री आश्रयों में अनारक्षित टिकट काउंटर, ए.टी.वी.एम और मोबाइल टिकटिंग के रूप में रहेगी।
- आरक्षित यात्रियों को सिटी साइड से गेट नंबर 5 के माध्यम से अलग से प्रवेश दिया जाएगा।
- आरक्षित यात्रियों को उनकी ट्रेन आने के 30 मिनट पहले ही प्लेटफॉर्म पर जाने की अनुमति दी जाएगी।
नैनी जंक्शन
- प्रवेश केवल स्टेशन रोड से दिया जाएगा।
- निकास केवल मालगोदाम की ओर (द्वितीय प्रवेश द्वार) की ओर दिया जाएगा।
- अनारक्षित यात्रियों कों दिशावार यात्री आश्रय के माध्यम से प्रवेश दिया जाएगा।
- टिकट की व्यवस्था यात्री आश्रयों में अनारक्षित टिकट काउंटर, ए.टी.वी.एम और मोबाइल टिकटिंग के रूप में रहेगी।
प्रयागराज छिवकी स्टेशन
- प्रवेश केवल प्रयागराज-मिर्जापुर राजमार्ग को जोड़ने वाले सीओडी मार्ग से दिया जाएगा।
- निकास केवल जी.ई.सी नैनी रोड (प्रथम प्रवेश) की ओर से किया जाएगा।
- अनारक्षित यात्रियों कों दिशावार यात्री आश्रय के माध्यम से प्रवेश दिया जाएगा।
- टिकट की व्यवस्था यात्री आश्रयों में अनारक्षित टिकट काउंटर, ए.टी.वी.एम और मोबाइल टिकटिंग के रूप में रहेगी।
सूबेदारगंज स्टेशन
- प्रवेश केवल झालवा (कौशाम्बी रोड) की ओर से दिया जाएगा।
- निकास केवल जी.टी. रोड की ओर दिया जाएगा।
- अनारक्षित यात्रियों के लिए यात्री आश्रय की व्यवस्था रहेगी।
- टिकट की व्यवस्था यात्री आश्रयों में अनारक्षित टिकट काउंटर, ए.टी.वी.एम और मोबाइल टिकटिंग के रूप में रहेगी।
प्रयाग जंक्शन
- प्रवेश केवल चैथम लाइन (प्लेटफोर्म नं.-1 की ओर) से दिया जाएगा।
- निकास केवल रामप्रिया रोड (प्लेटफोर्म नं.- 4) की ओर से होगा।
- अनारक्षित यात्रियों कों दिशावार यात्री आश्रय के माध्यम से प्रवेश दिया जाएगा।
- टिकट की व्यवस्था यात्री आश्रयों में अनारक्षित टिकट काउंटर, ए.टी.वी.एम और मोबाइल टिकटिंग के रूप में रहेगी।
- आरक्षित यात्रियों को सहसों मार्ग से द्वितीय प्रवेश द्वार की ओर से ले जाकर द्वितीय प्रवेश द्वार से ही प्रवेश दिया जायेगा।
फाफामऊ स्टेशन
- प्रवेश केवल द्वितीय प्रवेश द्वार (प्लेटफोर्म नं.-4) की ओर से दिया जाएगा।
- निकास केवल फाफामऊ बाजार (प्लेटफोर्म नं.-4) की ओर दिया जाएगा।
- अनारक्षित यात्रियों कों दिशावार यात्री आश्रय के माध्यम से प्रवेश दिया जाएगा।
- टिकट व्यवस्था बाड़ों में अनारक्षित टिकट काउंटर, ए.टी.वी.एम और मोबाइल टिकटिंग के रूप में हैं।
प्रयागराज रामबाग स्टेशन
- प्रवेश केवल हनुमान मन्दिर चौराहा की ओर से मुख्य प्रवेश द्वार से दिया जाएगा।
- निकास केवल लाउदर रोड की ओर दिया जाएगा।
- टिकट की व्यवस्था यात्री आश्रयों में अनारक्षित टिकट काउंटर, ए.टी.वी.एम और मोबाइल टिकटिंग के रूप में रहेगी।
झूसी स्टेशन
- प्रवेश और निकास की सुविधा स्टेशन के दोनों ओर से दी जाएगी।
- टिकट की व्यवस्था यात्री आश्रयों में अनारक्षित टिकट काउंटर, ए.टी.वी.एम और मोबाइल टिकटिंग के रूप में रहेगी।
नोट: प्रयागराज संगम स्टेशन मुख्य स्नान दिवसों (डी-1 से डी+2) पर बंद रहेगा।
स्टेशन | यात्री आश्रय नं. | गेट नं. | कलर कोडिंग | दिशा (की ओर) |
---|---|---|---|---|
प्रयागराज जं. | 1 | 1 | लाल | लखनऊ, वाराणसी |
2 | 2 | नीला | मुगलसराय (DDU) | |
3 | 3 | पीला | मानिकपुर, सतना, झाँसी | |
4 | 4 | हरा | कानपुर | |
आरक्षित यात्री | 5 | N/A | सभी दिशाएँ | |
नैनी जं. | 1 | 1 | हरा | कानपुर |
2 | नीला | मानिकपुर-झाँसी | ||
3 | लाल | मानिकपुर-सतना | ||
4ए और 4बी | 2 | पीला | मुगलसराय (DDU) | |
प्रयागराज छिवकी | 1 | 1 ए | लाल | मानिकपुर, सतना, झाँसी |
2 | 1 बी | हरा | मुगलसराय (DDU) |
- जेबकतरों से सावधान रहें।
- अपने सामान का ध्यान रखें।
- किसी अनजान व्यक्ति द्वारा दी गई कोई भी चीज़ न खाएँ।
- अपने आस-पास नज़र रखें और अगर आपको अपने आस-पास कोई लावारिस वस्तु पड़ी दिखे तो ऑनबोर्ड स्टाफ़, सुरक्षा कर्मचारियों और स्वयंसेवकों को सूचित करें।
- अधिकृत काउंटर/कर्मियों से ही टिकट खरीदें।
- घबराएँ नहीं।
- कतार में चलें और अपने आगे लोगों को धक्का देने से बचें।
- रेलवे स्टेशनों पर तैनात सुरक्षा/टिकट जाँच कर्मचारियों और स्वयंसेवकों के मार्गदर्शन का पालन करें।
- प्लेटफ़ॉर्म और एफ़ओबी पर न बैठें, उन्हें आवाजाही के लिए खुला रखें।
- रसोई गैस सिलेंडर, केरोसिन, केरोसिन स्टोव, पुवाल आदि जैसी ज्वलनशील सामग्री न रखें।
- गाड़ी के अन्दर एवं स्टेशनों परिसर में न थूकें और न ही कूड़ा फैलाएं।
- ट्रेन और स्टेशन परिसर में धूम्रपान न करें।
- टिकट-जाँच कर्मचारियों द्वारा मांगे जाने पर अपना टिकट दिखाएँ।
श्रद्धालुओं हेतु स्वास्थ्य संबंधी सामान्य दिशा-निर्देश
महाकुम्भ-2025 का आयोजन दिनांक 13 जनवरी, 2025 से 26 फरवरी, 2025 के मध्य उत्तर प्रदेश के जनपद प्रयागराज में किया जा रहा है। मेला क्षेत्र गंगा एवं यमुना नदी के किनारों पर लगभग 4200 हेक्टेयर के क्षेत्रफल में फैला हुआ है। मेला क्षेत्र में दिन के समय तापमान कभी कभी 9 डिग्री तथा रात्रि में लगभग 02 डिग्री तक हो सकता है। दिन में धूप न होने पर घने कोहरे की स्थिति भी बन जाती है।
प्रयागराज पहुँचने से पहले
- महाकुम्भ मेला 2025 मोबाइल एप डाउनलोड करें और मेला की जानकारी प्राप्त करें।
- यात्रा से पूर्व निवास स्थान सुनिश्चित करें।
- बदलते मौसम के अनुसार कपड़े एवं खान-पान का सामान साथ रखें।
- गर्म एवं ऊनी वस्त्र साथ में अवश्य रखें।
- मौसम की पूर्व जानकारी हेतु मौसम विभाग (IMD) की वेबसाइट देखें। आपदा की पूर्व चेतावनी हेतु सचेत (SACHET/MAUSAM) मोबाइल एप डाउनलोड कर चेक करें।
- 60 वर्ष से अधिक आयु या पूर्व से बीमार व्यक्ति यात्रा से पहले स्वास्थ्य जांच अवश्य कराए। डॉक्टर की सलाह के उपरान्त ही यात्रा करें।
- पूर्व से बीमार व्यक्ति अपने चिकित्सक का परामर्श पर्चा एवं चिकित्सक का संपर्क नम्बर एवं चिकित्सक द्वारा लिखी गयी दवाइयां अपने साथ रखें।
- हृदय रोग, श्वास रोग, मधुमेह, उच्च रक्तचाप से ग्रस्त रोगी यात्रा के समय विशेष सावधानी बरतें।
- यदि आप आयुष्मान कार्ड धारक हैं तो कृपया अपना आयुष्मान कार्ड साथ में रखें, जिससे कि आकस्मिकता की स्थिति में सरकारी एवं निजी चिकित्सालय में आयुष्मान योजना के अंतर्गत मुफ्त इलाज प्राप्त हो सके।
मेला क्षेत्र में स्नान एवं दर्शन हेतु
- संगम क्षेत्र पहुँचने हेतु पैदल भी चलना पड़ सकता है। इसीलिए शरीर में पानी का स्तर बनाये रखने के लिए पानी/ORS का घोल पीते रहें।
- मेला क्षेत्र में अत्यधिक भीड़ की सम्भावना होने के दृष्टिगत गर्भवती महिलाएँ विशेष सावधानी बरतें।
- बच्चों, वृद्धजनों एवं गर्भवती महिलाओं को अकेले स्नान ना करने दें।
- गहरे पानी में जाने से बचें।
- चप्पल-जूते का प्रयोग करें एवं कीचड़ वाले स्थान पर ना चले।
- सिर दर्द होना, चक्कर आना, घबराहट होना, दिल की धड़कन तेज होना, उल्टी आना, हाथ-पांव व होठों का नीला पड़ना, थकान होना, सास फूलना, खाँसी होना अथवा अन्य लक्षण होने पर मेले में स्थापित निकटतम स्वास्थ्य केन्द्र से तत्काल संपर्क करें।
- मधुमेह, हृदय रोग, सांस रोग से ग्रसित श्रद्धालु अपनी दवा निरंतर समय से लें।
- खाने से पहले और शौचालय उपयोग के बाद साबुन से हाथ अवश्य धोएं।
- प्रवास के दौरान खाद्य पदार्थों के प्रयोग में विशेष सावधानी बरतें तथा खुले व दूषित भोज्य पदार्थों के प्रयोग से बचें।
- धूम्रपान और नशीले पदार्थों का सेवन न करें।
- मेला क्षेत्र में मच्छरों से बचाव हेतु यद्यपि छिड़काव, धुआं किया जाता है, फिर भी मच्छरों से बचने हेतु मच्छर रेपेलेंट भी साथ रखें।
कल्पवासियों हेतु दिशा-निर्देश
- सरकारी नल/वाटर एटीएम के पानी का उपयोग करें एवं खाने-पीने हेतु उबालने के बाद ही प्रयोग करें।
- सब्जी, फल इत्यादि को अच्छे से धोकर ही सेवन करें।
- खाने से पहले और शौचालय उपयोग के बाद साबुन से हाथ अवश्य धोएं।
- सिर दर्द होना, चक्कर आना, घबराहट होना, दिल की धड़कन तेज होना, उल्टी आना, हाथ-पांव व होठों का नीला पड़ना, थकान होना, सास फूलना, खाँसी होना अथवा अन्य लक्षण होने पर मेले में स्थापित निकटतम स्वास्थ्य केन्द्र से तत्काल संपर्क करें। मधुमेह, हृदय रोग, सांस रोग से ग्रसित श्रद्धालु अपनी दवा निरंतर समय से लें।
- गरम कपड़े, कंबल, रजाई पर्याप्त मात्रा में रखें।
- धूम्रपान और नशीले पदार्थों का सेवन न करें।
- हीटर, अलाव, इत्यादि का प्रयोग टेंट के अंदर ना करें। इससे आग लगने का खतरा हो सकता है तथा हानिकारक गैसों के एकत्र होने से स्वास्थ्य के लिए प्रतिकूल परिस्थितियाँ उत्पन्न हो सकती हैं।
आपातकालीन सेवाएँ
तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आकस्मिकताओं के विरूद्ध संघर्ष करने के लिए उपाय किये गये हैं।
अग्निशमन सेवा
अग्निशमन केन्द्र के साथ अग्नि शमन चौकियाँ स्थापित की जायेगी जो निम्नलिखित संसाधनों से सुसज्जित होंगी:
- मध्यम एवं बड़ी क्षमता युक्त अग्निशमन वाहन।
- जल फुहार की बाइकें एवं जीपें।
- रेस्क्यू एण्ड फोम टेन्डर।
- यंत्र।
- फायर एम्बुलेंस।
- स्वांस लेने के उपकरण इत्यादि।
- आग और आपात स्थिति में, 100 / 1920/ 101 पर मेला नियंत्रण और अग्निशमन विभाग को तुरंत कॉल करें।
- आग के मामले में, आस-पास के लोगों / तम्बुओं को बचाने एवं सुरक्षित करने के लिए अलर्ट के रूप में आवाज़ / चिल्लाने का निर्देश दें।
- आपातकालीन स्थिति में शांत रहें और ध्यान से काम करें, निकटस्थ अग्निनाशक उपकरण का उपयोग करके सुरक्षित दूरी बनाकर और खुद को खतरे में न डालते हुए, आग बुझाने का प्रयास करें।
- हमेशा आपातकालीन स्थिति में अपने निकटतम बाहर निकासी मार्गों को पहचानने और याद करने का प्रयास करें और उन्हें आपातकालीन स्थिति में उपयोग करें।
- सभी सार्वजनिक घोषणाओं पर ध्यान दें और हमेशा सतर्क रहें।
- अपने अग्निशमन उपकरणों के उपयोग के बारे में अच्छे से जानें जिससे कि आग के मामले में इसका सही उपयोग किया जा सके।
- ड्रम में पर्याप्त मात्रा में रेत और पानी रखें, ताकि आवश्कयता के समय उसका आग लगने पर बुझाने के लिए उपयोग किया जा सके।
- यदि पण्डाल / तम्बुओं में आग लगी हो तो व्यक्तियों / बच्चों को जल्द से जल्द निकालने का प्रयास करें और तुरंत ही पण्डाल / तम्बुओं को स्थिर रखने वाली रस्सियाँ काट दें। आग को आगे फैलने से रोकने के लिए पण्डाल / तम्बू से निकटस्थ पण्डाल या तम्बू को तत्काल हटा दे।
- टेन्ट में पेट्रोल, किरोसिन, डीजल, गैस, मोमबत्ती, लकड़ी आदि जैसी ज्वलनशील सामग्रियों को अधिक मात्रा में न रखें।
- पण्डालों और तम्बुओं में लीक गैस का उपयोग न करें और गैस सिलेंडर को जमीन में न फिक्स करें।
- पण्डाल बनाने के लिए प्लास्टिक और सिंथेटिक कपड़े कभी न उपयोग करें।
- पण्डाल और तम्बुओं में खुली आग, जलता हुआ चूल्हा और हवन-कुण्ड का उपयोग न करें।
- पण्डालों में खुले और कटे हुए इलेक्ट्रॉनिक तार का उपयोग न करें और हीटर या किसी अतिभारित इलेक्ट्रिक उपकरण का उपयोग न करें।
- मेला क्षेत्र में बीड़ी, सिगरेट आदि का प्रयोग पूर्णतया वर्जित है।
- जलने वाली लैंप, चिराग या खुली आग को लेकर कैंप/टेन्ट में न टहले।
- आग या चूल्हे को खुले में न छोड़े।
- हवन कुण्ड, चूल्हा या आग के पास बैठते समय सिंथेटिक या रेशम के बने कपड़े पहनने से बचें।
- जहाँ से आसानी से बाहर न निकल सके, उस स्थान पर न जाएँ।
- पानी पाइपलाइन और अग्नि सुरक्षा के लिए स्थापित अग्निशमन उपकरणों को क्षति न पहुँचाये।
- भीड़ में शामिल न हों; आपातकालीन वाहनों के गति को न बाधित करें।
- अपनी गाड़ियों को सड़क के बीच में पार्क न करें। इससे अपेक्षित सहायता आपकी जगह पहुँचने में देरी हो सकती है।
- कभी भी आपातकालीन सड़कों को न बंद करें।
- आग की सूचना देते समय अधिकतम शान्ति बनाये रखें।
- अग्निशमन विभाग के काम में हस्तक्षेप न करें।
- आपकी जागरूकता और सतर्कता ही आपकी मुख्य सुरक्षा हैं।
पुलिस एवं आकस्मिक सेवा मानव शक्ति
पुलिस एवं आकस्मिक सेवा मानव शक्ति: महाकुम्भ मेला 2025 के लिए एक बड़ी मानवशक्ति नियोजित की जा रही है। सिविल पुलिस, यातायात पुलिस एवं सशस्त्र पुलिस, केन्द्रीय सशस्त्र बल, जल पुलिस, चौकीदार एवं होमगार्डस् के पर्याप्त बलों को नियोजित किया जा रहा है।
निगरानी टावर
संकटमय आकस्मिकताओं, घटनाओं एवं भीड़ का निकट से सन्निरीक्षण करने हेतु मेला क्षेत्र में निगरानी टावर लगाये जायेंगे। आकस्मिकताओं की दशा में प्रत्येक घाट के लिए नियोजन के साथ विशेष निष्क्रमण (खाली कराना) योजनायें समेकित की जा रही है।
समेकित समादेश एवं नियंत्रण केन्द्र (आई.सी.सी.सी.)
इस व्यवस्था का उपयोग विभिन्न विभागों का संयोजन एवं सन्निरीक्षण हेतु एक मंच प्रदान करने के लिए किया जाता है। आपातकाल की स्थिति में, सूचनाओं को सभी संबंधित विभागों को आई.सी.सी.सी. की सहायता से प्रसारित किया जा सकता है।
यातायात योजना
प्रयागराज तक पहुँचने के लिए शहर के हवाई अड्डे का उपयोग किया जा सकता है, अन्यथा यहाँ वाराणसी से भी पहुँचा जा सकता है। महाकुम्भ मेला क्षेत्र तक पहुँचने के लिए शटल बस सेवाएँ भी शुरू की जायेगी।
महाकुम्भ मेला क्षेत्र में भारतीय रेल के उत्तर मध्य रेलवे, उत्तर पूर्व रेलवे और उत्तर रेलवे नेटवर्क के माध्यम से भी पहुँचा जा सकता है। प्रयागराज दिल्ली, कोलकाता, लखनऊ, कानपुर आदि जैसे प्रमुख शहरों से सुविधाजनक पहुँच में है। महाकुम्भ मेला 2025 के दौरान अत्यधिक भीड़ की संभावना की दृष्टिगत विशेष ट्रेन सेवाएँ शुरू की जाएँगी ताकि आगंतुकों और तीर्थयात्रियों की यात्रा सुविधाजनक हो सके। ट्रेनों की एडवांस बुकिंग आईआरसीटीसी की वेबसाइट https://www.irctc.co.in/nget/ पर लॉगिन करके की जा सकती है।
सड़क मार्ग से महाकुम्भ मेला क्षेत्र तक पहुँचने के लिए तीर्थयात्री उत्तर प्रदेश और आसपास के राज्यों के अधिकांश प्रमुख शहरों को जोड़ने वाली रोडवेज राज्य बस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। रोडवेज बस मार्गों की जानकारी http://www.upsrtc.com/ से प्राप्त की जा सकती है।
निजी वाहनों से महाकुम्भ मेला की यात्रा करने वाले तीर्थयात्री प्रयागराज महाकुम्भ मेला के सभी प्रमुख पहुंच मार्गों पर योजनाबद्ध तरीके से नियोजित पार्किंग स्थलों की सुविधा का लाभ उठा सकते हैं।
यातायात योजना पर विस्तृत जानकारी के लिए बने रहें।
सुरक्षा सेवाएँ
महाकुम्भ मेला-2025 में आने वाले तीर्थयात्रियों की सुरक्षा शीर्ष प्राथमिकता पर है। महाकुम्भ मेला के भीतर सुरक्षा सुनिश्चित करने और पवित्र समारोह में व्यवस्था बनाये रखने के लिए मेला पुलिस के द्वारा निम्नलिखित उपाय किये जायेंगे:-
- पुलिस थाना, महिला पुलिस थाना और पुलिस चौकियों के साथ पुलिस लाइन्स महाकुम्भ मेला के एक भाग के रूप में स्थापित किए जा रहे हैं।
- में नदी क्षेत्र के चारोंं ओर जल पुलिस तीन ईकाइयाँ स्थापित करेगी।
- घुड़सवार पुलिस लाइन स्थापित किया जा रहा है।
-
भीड़ प्रबंधन हेतु वीडियो एनालिसिस।
- भीड़ प्रबंधन हेतु रियल-टाइम वीडियो।
- अत्यधिक भीड़ की दशा में रियल-टाइम डिटेक्शन एवं आपातकालीन चेतावनी प्रणाली।
-
स्वचालित नम्बर प्लेट पहचान तंत्र (ए०एन०पी०आर०)
- रंगों से वाहनों की पहचान।
- वाहन का रंग/अनुज्ञप्ति प्लेट से वाहन की खोज एवं तिथि समय संयोजन।
-
वेरिएबल मैसेज डिस्प्ले (वी.एम.डी.) बोर्ड्स।
- वास्तविक काल की सूचना, चेतावनी प्रसारण, यातायात सुझाव, मार्ग दिशा-निर्देश एवं आकस्मिक संदेश।
- विषय वस्तु एवं चित्र आधारित संदेश डिस्प्ले।
- समेकित यातायात प्रबंधन तंत्र।
खोया-पाया
प्रयागराज मेला प्राधिकरण पुलिस विभाग के साथ उच्च तकनीक सम्पन्न खोया-पाया पंजीकरण केन्द्रों की मेला क्षेत्र में स्थापित करेगा। ये केन्द्र खोये हुए तीर्थयात्रियों के उनके परिवारों और मित्रों से पुनर्मिलन हेतु सुविधायें प्रदान करेंगी। ये सुविधायें सभी केन्द्रों पर खोये हुए तीर्थ यात्रीगण का डिजिटल पंजीकरण प्रदान करेंगे और तीर्थयात्रीगण को निम्नलिखित विशिष्टियों के माध्यम से उनके प्रियजनों के पास वापस जाने में सहायक होंगेः
- खोये हुए व्यक्ति जिनके पास मोबाइल नहीं है, खोया-पाया केन्द्र की मदद से अपने परिवार/मित्रों से सम्पर्क कर सकते हैं।
- खोये हुए/लापता व्यक्तियों की सूचना प्रत्येक खोया-पाया केन्द्र पर सम्प्रदर्शित की जायेगी जिससे उनके परिवारों/मित्रों को खोये हुए व्यक्ति की खोज करने में मदद हो सके। केन्द्र का नाम/स्थिति जहाँ यह स्थित है, को भी अलग-अलग स्थानों पर प्रदर्शित किया जायेगा।
- सभी खोये/लापता व्यक्तिगणों के लिए केन्द्रों पर उद्घोषणा की जायेगी।
- मिडिया (फेसबुक, ट्विटर) पर खोये और पाये गये व्यक्तिगण के संदेश पोस्ट किये जायेंगे।
- यदि 12 घंटों के भीतर खोये व्यक्तिगणों का दावा उनके परिवार/मित्रगण के द्वारा नहीं किया जाता है तो पुलिस सहायता प्रदान की जायेगी।
- जब आपको किसी व्यक्ति के लापता होने का पता चले, तो तुरंत निकटतम पुलिस विभाग या खोया-पाया केंद्र से संपर्क करें।
- लापता व्यक्ति की रिपोर्ट दर्ज कराऐँ।
- खोए व्यक्ति के बारे में व्यक्तिगत जानकारी प्रदान करें।
- लापता व्यक्ति की रिपोर्ट दर्ज करने के लिए, संबंधित अधिकारी को निम्नलिखित जानकारी प्रदान करें-
- गुमशुदा व्यक्ति का पूरा नाम।
- जन्म तिथि/आयु और आवासीय पता।
- उस व्यक्ति का शारीरिक विवरण।
- उपलब्ध होने पर, व्यक्ति की तस्वीर।
- आखिरी बार पहने हुए कपड़े।
- आखिरी बार गुमशुदा व्यक्ति को देखा गया था।
- यदि खोया हुआ व्यक्ति किसी भी शारीरिक या मानसिक समस्या का सामना कर रहे हों, तो उसका विवरण।
- उपलब्ध होने पर, कोई पहचान पत्र जैसे कि आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र इत्यादि और संपर्क करने के लिए परिवार/दोस्तों के मोबाइल/व्हाट्सएप नंबर और ईमेल आईडी।
- पाए गये व्यक्ति (बच्चे या महिला) का दावा करने वाले वयस्कों से पहचान पत्र के लिए तब तक पूछा जाना चाहिए जब तक कि यह स्पष्ट न हो कि बच्चा या महिला वयस्क को पहचानता है।
- बच्चे या महिला को सौंपने/हस्तांतरण से पहले सुनिश्चित करें कि अभिभावक/अभिभावक स्वयं स्वस्थ मस्तिष्क है (उदाहरण के लिए कि वे नशे में नहीं हैं) और संदेह होने पर निकटतम पुलिस विभाग या खोया-पाया केंद्र से संपर्क करेंगे।
- यदि परिवार/अभिभावक पाए गये व्यक्ति की देखभाल करने के लिए अनुपयुक्त है तो पुलिस हस्तक्षेप आवश्यक हो सकता है।
- जब खोए हुए व्यक्ति (बच्चे/महिलाएं) अपने परिवार/अभिभावक के साथ फिर से मिलते हैं तो निकटतम पुलिस विभाग या खोया-पाया केंद्र से संपर्क करेंगे।
- जब तक बच्चा सुरक्षित न हो तब तक बच्चे के विवरण सार्वजनिक रूप से प्रसारित नहीं किए जाने चाहिए।
- गये व्यक्ति को हस्तांतरण/सौंपने से पहले, कृपया सुनिश्चित करें कि परिवार/अभिभावक के स्पष्ट पहचान प्रमाण (आधार/मतदाता कार्ड) की एक प्रति ली जानी चाहिए और यह आवश्यक है कि रिपोर्ट फॉर्म पर प्राप्तिकर्ता का दिनांक और समय के साथ एक स्पष्ट पावती हस्ताक्षर भी लिया जाए।
स्वास्थ्य आपातकाल
स्वास्थ्य आपातकाल डी. एम. सी. सी. (डिजास्टर मैनेजमेंट कंट्रोल सेल) की स्थापना केंद्रीय अस्पताल में नोडल अधिकारी के नेतृत्व में की जाएगी। प्रत्येक सर्कल ऑफिस और अस्पतालों में त्वरित चिकित्सा प्रतिक्रिया दल (क्विक रेस्पॉन्स टीम) को तैनात किया जाएगा। इसके अलावा, वायरलेस सेट के साथ एम्बुलेंस इन टीमों का सहयोग करने के लिए मेला क्षेत्र में 24x7 उपलब्ध रहेंगी। स्वास्थ्य विभाग सामान्य स्वास्थ्य सेवाओं के साथ स्वच्छता, वेक्टर जनित बीमारियां, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और आपदा प्रबंधन के लिए भी तैयारी कर रहा है। मेला क्षेत्र में केंद्रीय अस्पताल स्थापित किया जाएगा, जिसमेंं विशेषज्ञ डॉक्टरों की 24 घंटे उपलब्धता के साथ-साथ एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड और पैथोलॉजी सेवाएँ उपलब्ध होंगी। इसके अलावा विभिन्न सेक्टरों में स्वास्थ्य सम्बंधित सभी सेवाएँ प्रदान करने के लिए अन्य सर्किल अस्पतालों को स्थापित किया जाएगा एवं संक्रामक रोग अस्पताल भी स्थापित किए जायेंगे। साथ ही, मेला क्षेत्र के अंदर प्राथमिक चिकित्सा पोस्ट और मेला क्षेत्र के बाहर स्वास्थ्य सेवा यूनिट की स्थापना रोगियों को सेवा प्रदान करने के लिए की जा रही है। उपरोक्त के अलावा, संक्रामक रोगों से मुकाबला करने के लिए एक वेक्टर नियंत्रण इकाई का गठन किया जा रहा है।
आग के संकट
आगजनी से सम्बन्धित आपदा से बचाव के लिए मेला प्राधिकरण के द्वारा उपचारात्मक उपाय किये जा रहे हैं, जिसके अन्तर्गत आधुनिक एवं नव्य अग्निशमन उपकरण सम्मिलित है। संकट कम करने वाली रणनीतियों की बेहतर सक्षमता हेतु मानक संचालन प्रक्रिया विरचित की जा रही है।
स्वास्थ्य सेवाएँ
सुपर स्पेशलिटी डिपार्टमेंट्स न्यूरो सर्जरी, न्यूरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, इन्डोक्रइनोलॉजी, यूरोलॉजी, प्लास्टिक सर्जरी, ऑन्को सर्जरी एवं सीटीवीएस गैस्ट्रोइन्ट्रोलॉजी एवं कार्डियोलॉजी के गंभीर रोगियों के लिए विशिष्टि उपचार प्रदान करते हैं। आपदा की स्थिति से निबटने के लिए एक ट्रामा केयर सुविधा सम्पन्न ट्रामा सेन्टर बनाया जाएगा। तीर्थयात्रियों के लिए महाकुम्भ मेला क्षेत्र से बाहर अस्पतालों में बिस्तर आरक्षित किये जायेंगे।
बाढ़
महाकुम्भ मेला क्षेत्र में बाढ़ की स्थितियों से निबटने के लिए एस.ओ.पी. विरचित की गयी है और सभी विभागों को सतर्क कर दिया गया है। बाढ़ प्रतिक्रिया तंत्र लाइफबॉय, लाइफ जैकेट्स, जेट्टी, सोनार सिस्टम, नावें इत्यादि जैसे खतरा कम करने वाले उपकरणों के साथ विकसित किया गया है।
भगदड़
आग से जलने, डूबने, भगदड़ इत्यादि की दशा में समर्पित डाक्टरों एवं पैरा मेडिकल स्टाफ की टीम को विशेष किटों के साथ आपदा प्रबंधन सुविधाओं से युक्त किया जा रहा है। तीर्थयात्रियों को गलत दिशा में जाने से रोकने के लिए प्रत्येक पुलिस अधिकारी को यातायात योजना (मार्ग बदलाव एवं ठहराव क्षेत्रों को सम्मिलित करते हुए) के बारे में संसूचित किया जायेगा। क्षेत्र प्रभारी एवं निरीक्षकों को प्रतिदिन प्रत्येक 2 घंटे में बैरीकेटिंग व्यवस्थाओं का निरीक्षण करना है, जिससे निर्धारित दिशाओं में भीड़ का संचालन सुनिश्चित किया जा सके। चौबीसों घंटे सम्यक् जन प्रसारण तंत्र का उपयोग करते हुए भीड़ का मार्ग परिवर्तन किये जाने हेतु उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों की पहचान हेतु निगरानी करते हुए सी०सी०टी०वी० कैमरे, फर्स्ट-ऐड किट, बैरियर्स, टार्चेज इत्यादि लगाये जायेंगे। उच्च जोखिम क्षेत्रों में आकस्मिक उपकरणों के भण्डार एवं आपूर्ति की व्यवस्था की जायेगी।