प्रयागराज में कुम्भ मेला-2019 की सफलता ने कुम्भ एवं माघ मेलो की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व को उच्चतर स्तर पर पहुंचा दिया है, जिससे इसे विभिन्न आयामों पर मान्यता और प्रशंसा मिली। यह आयोजन न केवल लाखों लोगों की भक्ति का प्रमाण है, बल्कि संगठनात्मक उत्कृष्टता और वैश्विक प्रशंसा का भी उदाहरण है।
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (यू.पी.एस.आर.टी.सी.) और प्रयागराज मेला प्राधिकरण (पी.एम.ए.) ने गुरुवार (28 फरवरी 2019) को दुनिया में सबसे बड़े बस परेड के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड स्थापित करके एक उपलब्धि हासिल की। इस उद्देश्य के लिए प्रयागराज शहर में 503 विशेष कुम्भ मेला बसों की परेड की गई। यह रिकॉर्ड पहले अबू धाबी के पास था, जहां 390 बसों की परेड हुई थी। 503 बसों द्वारा सहसों टोल और नवाबगंज टोल प्लाजा के बीच 3.2 किलोमीटर की दूरी पर परेड किया गया। इस रिकॉर्ड के लिए तैयारियाँ प्रयागराज मेला प्राधिकरण (पी.एम.ए.) और यू.पी.एस.आर.टी.सी. द्वारा पहले से की गई थीं। इस रिकॉर्ड का उद्देश्य मेले के क्षेत्र में आने वाले करोड़ों तीर्थयात्रियों को पूरा करने के लिए लागू किए गये यातायात प्रबंधन पहलों को प्रदर्शित करना था, जिसमें सड़कों को चौड़ा किया गया और मेला क्षेत्र से 1 से 5 किलोमीटर के भीतर कुल 1300 हेक्टेयर के 94 पार्किंग स्थल बनाये गये। तीर्थयात्रियों की आवाजाही में आसानी के लिए 1000 से अधिक ई-रिक्शा और 500 शटल बसें चलाई गईं। तीर्थयात्रियों को रास्ता दिखाने और प्रभावी सूचना प्रसार के लिए, पूरे मेला क्षेत्र में 1500 से अधिक दिशा संकेतक, 48 परिवर्तनीय संदेश संकेत बोर्ड और 100 डिजिटल संकेतक स्थापित किए गये। मेला प्राधिकरण और संबंधित हितधारकों ने तीर्थयात्रियों के लिए एक बेहतर यात्रा अनुभव सुनिश्चित करने के लिए, यहाँ तक कि महत्त्वपूर्ण स्नान तिथियों पर भी, जब लगभग 5 करोड़ से अधिक भीड़ मेले में आयी, तब भी सावधानीपूर्वक डायवर्सन प्लान तथा पायदान यात्रियों के लिए मूवमेंट प्लान प्रयागराज मेला प्राधिकरण द्वारा लागू किया गया।
उत्तर प्रदेश सरकार के प्रयागराज को सुंदर बनाने के मौजूदा प्रयास के तहत, प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने पेंट माय सिटी अभियान शुरू किया गया। इस अभियान के तहत भित्ति चित्रों में उत्तर प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक विविधता और विरासत को प्रदर्शित किया गया, साथ ही इनमें कुम्भ के पौराणिक पृष्ठभूमि की जानकारी भी दी गई। पेंट माय सिटी अभियान के तहत, शहर की सौन्दर्यीकरण और आई.ई.सी. योजना के हिस्से के रूप में 15 लाख वर्ग फुट की सतह पर पेंट किया गया। इस पहल का उद्देश्य कला के माध्यम से संदेश प्रसार करके व्यवहार परिवर्तन को प्रेरित करना भी था। देश भर के कलाकारों को इस प्रक्रिया में भाग लेने का अवसर मिला। इस अभियान में समुदाय, छात्रों और स्वयंसेवकों को भी शामिल किया, विश्व के समक्ष प्रयागराज और यूपी के पर्यटन स्थलों को प्रस्तुत किया। यह अभियान, जो दुनिया की सबसे बड़ी स्ट्रीट आर्ट परियोजना थी, ने कुम्भ की कहानी और संदेश को करोड़ों तीर्थयात्रियों के सामने प्रस्तुत किया। पेंट माय सिटी अभियान के तहत ही प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने 1 मार्च, 2019 को "8 घंटे में सबसे अधिक हैंड प्रिंट पेंटिंग योगदान" के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने का प्रयास किया, जो पहले दक्षिण कोरिया के पास था जिसमें 4675 लोगों ने योगदान दिया था। प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने न केवल 4 घंटे 21 मिनट में पिछले रिकॉर्ड को पार किया बल्कि 7644 योगदानों के साथ एक नया रिकॉर्ड भी स्थापित किया। इस पेंटिंग में गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती का संगम और कुम्भ की समृद्ध विरासत को दर्शाया गया है।
“कई स्थानों पर एक साथ सबसे अधिक लोगों द्वारा भूमि पर झाड़ू लगाने” के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड (जीडब्ल्यूआर) बनाने हेतु दृष्टिकोण "स्वच्छ कुम्भ पहल" से उत्पन्न हुआ, जो कुम्भ 2019 के प्रमुख घटकों में से एक था। कुम्भ मेला-2019 के दौरान, 20,000 सफाई कर्मचारियों को कुम्भ क्षेत्र को स्वच्छ रखने और भूमि की पवित्रता बनाये रखने के लिए तैनात किया गया। कर्मचारी चौबीसों घंटे काम करते थे और उनके प्रयासों में 1500 स्वच्छाग्रहियों के समूह ने सहायता की, जिन्होंने व्यवहार परिवर्तन और सर्वोत्तम व्यवस्थाओं को अपनाने हेतु श्रद्धालुओं को प्रेरित किया। कुम्भ मेला के सम्पूर्ण क्षेत्र को मिलाकर, 20,000 डस्टबिन्स लाइनर बैग के साथ रखे गये थे और आगंतुकों को केवल इन डस्टबिन्स में ही कचरा फेंकने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए एक समेकित प्रयास किया गया। 1.15 लाख से अधिक शौचालय डेप्लॉय किए गये थे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह मेला खुले में शौच-मुक्त और गंध-मुक्त कुम्भ हो सके। यह इस तरह के सामूहिक आयोजन में अबतक का सबसे बड़ा डिप्लॉयमेंट था। इसके अलावा, गंगा में बहने वाले सभी नालों को या तो सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स में डाला गया या बायो-रिमेडियल जियोट्यूब तकनीकों द्वारा उपचारित किया गया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि करोड़ों तीर्थयात्रियों के लिए पवित्र स्नान के लिए नदी साफ रहे। यह पहल एक शानदार सफलता साबित हुई। इसी कड़ी में प्रयागराज मेला प्राधिकरण द्वारा तीसरे जीडब्ल्यूआर प्रयास में 10,181 सफाई कर्मचारियों को केंद्र में स्थान दिया गया तथा मेला क्षेत्र में निर्धारित कुल पाँच स्थानों- लाल मार्ग (सेक्टर 1), लाल मार्ग (सेक्टर 2), संगम लोअर मार्ग, संकट मोचन मार्ग और कैलाश पुरी मार्ग पर लगातार 2 मिनट तक झाड़ू लगाने का एक नया रिकॉर्ड सफलतापूर्वक स्थापित किया। यह सफल प्रयास स्वच्छ कुम्भ जैसे महत्त्वाकांक्षी पहल को मूर्तरूप में बदलने के लिए आवश्यक एकता, समन्वय और अनुशासन का प्रमाण है।