महाकुम्भ मेला 2025 प्रयागराज में आकर्षण

आकर्षण

हमारे प्रमुख आकर्षण केन्द्रों के जरिए कुम्भ मेला-2019 की आध्यात्मिक दिव्यता का आनंद लें। प्रयागराज में आयोजित कुम्भ मेला भक्ति, संस्कृति और दिव्यता की एक भव्य तस्वीर के रूप में सामने आया। प्रयागराज में कुम्भ मेला, 2019 संगम के आसपास 3200 हेक्टेयर में स्थापित किया गया था और इस क्षेत्र को दुनिया के सबसे बड़े अल्पकालिक शहर में बदल दिया गया।

प्रमुख आकर्षण 2019

कुम्भ 2019 में कलाग्राम

कलाग्राम

कुम्भ-2019 में प्रमुख आकर्षणों में से कलाग्राम के रूप में जाना जाने वाला रचनात्मक केंद्र था। कुम्भ-2019 के अरैल क्षेत्र के सेक्टर-20 में स्थित कलाग्राम ने आगंतुकों को भारतीय कला और संस्कृति की झलक प्रदान की। कलाग्राम में तेरह मण्डपों, जिनमें से प्रत्येक का एक अद्वितीय बनावट और रूप था, का निर्माण किया गया था। राज्य-विशिष्ट शिल्प को प्रदर्शित करने वाले सभी सात सांस्कृतिक केंद्रों के मण्डपों के अलावा, छः अन्य मण्डप भी निर्मित किये गये थे। इनमें इंदिरा गांधी राष्ट्रीय सांस्कृतिक अकादमी (आई.जे.एन.सी.ए.) द्वारा वैदिक प्रदर्शनी गैलरी, इलाहाबाद संग्रहालय द्वारा महाकुम्भ पर एक प्रदर्शनी, टी.आर.आई.एफ.ई.डी द्वारा भारत सरकार की एक प्रदर्शनी, ललित कला अकादमी द्वारा एक सजीव शब्‍दचित्र संगोष्ठी, साहित्य अकादमी द्वारा अकादमी की पुस्तकों की एक प्रदर्शनी और गांधी स्मृति और दर्शन समिति द्वारा मोहनदास से महात्मा पर एक प्रदर्शनी सम्मिलित थी। कलाग्राम की इन प्रदर्शनियों में विभिन्न कलाओं और शिल्प का प्रदर्शन किया गया था।

महाकुम्भ मेला 2025 प्रयागराज में अखाड़ा

सांस्कृतिक कार्यक्रम

उत्तर प्रदेश सरकार ने कुम्भ मेला-2019 के दौरान भारत की समृद्ध और विविध सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित करने के लिए राज्य के सांस्कृतिक विभागों को सक्रिय किया। जनवरी 2019 से लेकर आगे तक प्रतिदिन संगीत प्रदर्शनों से लेकर पारम्परिक और लोक नृत्यों तक की सांस्कृतिक घटनाओं की श्रृंखला प्रदर्शित करने के लिए पाँच सांस्कृतिक पण्डाल बनाये गये। सभी प्रमुख कार्यक्रमों की मेजबानी के लिए वृहद्‍तम पण्डाल के रूप में गंगा पण्डाल का निर्माण किया गया था। इसके अतिरिक्त, प्रवचन पण्डाल और अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित चार सम्मेलन केंद्र विभिन्न आध्यात्मिक कार्यक्रमों की मेजबानी के लिए बनाये गये थे।

महाकुम्भ मेला 2025 प्रयागराज में जलमार्ग

जलमार्ग

सदियों से अपनी नदी और जलमार्ग कनेक्टिविटी के कारण प्रयागराज हमेशा महत्वपूर्ण रहा है। भारत सरकार ने इस महत्वपूर्ण विधा को पुनर्जीवित करने के लिए बहुत सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाया। तत्क्रम में, भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (www.iwai.nic.in) द्वारा सुजावन घाट, पुराने नैनी ब्रिज, सरस्वती घाट और किला घाट पर IWT टर्मिनल बनाए गए थे। इन टर्मिनलों का उपयोग तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के लिए भारत के प्राचीनतम नदी मार्गों में से एक में सुखद सवारी करने के लिए सी.एल. कस्तूरबा (आई.डब्ल्यू.ए.आई. का सेमी क्रूज़) चलाने के लिए किया गया था।

महाकुम्भ मेला 2025 प्रयागराज के लिए लेजर लाइट

लेजर लाइट शो

कुम्भ मेला-2019 में वृहद् संख्या में आने वाले तीर्थयात्रियों, श्रद्धालुओं एवं घरेलू व अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों के अनुभव को बढ़ाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रयागराज किले की दीवार पर एक लेजर लाइट और साउंड शो का प्रावधान किया गया, जो दिसंबर 2018 प्रारम्भ होकर मेला अवधि तक किले की दीवार पर प्रदर्शित होता रहा।

महाकुम्भ मेला 2025 प्रयागराज में विषयगत द्वार

थीमैटिक द्वार

2019 के कुम्भ मेले में 25 से ज्यादा अस्थाई थीमैटिक गेट भी लगाए गये थे, जो मेला क्षेत्र में आने-जाने के रास्तों और मेला क्षेत्र के विभिन्न सेक्टरों में प्रवेश के लिए बनाये गये थे। उत्तर प्रदेश सरकार ने कुम्भ मेले के सुंदरता को बढ़ाने के लिए थीमैटिक गेट डिजाइन करके और बनाकर एक अभिनव समाधान अपनाया, जिन्हें योजनाबद्ध तरीके से स्थापित किया गया था। प्रत्येक गेट की अपनी पहचान थी, जिसमें स्थानीय मूल्य निहित थे और जो संस्कृति, परम्परा और सामाजिक-धार्मिक कारकों से प्रेरित था। इस हेतु स्थानीय निर्माण विधियों का उपयोग किया गया था, विशेषकर व्यावहारिकता और पुनः प्रयोज्यता को ध्यान में रखा गया था।

महाकुम्भ मेला 2025 प्रयागराज में 360 डिग्री का अनुभव

360 डिग्री वर्चुअल रियलिटी अनुभव कुम्भ 2019

डिजिटल इंडिया अभियान के तहत, आगंतुक और तीर्थयात्री कुंभ 2019 के दौरान 360-डिग्री वर्चुअल रियलिटी दुनिया के एक नये डिजिटल अनुभव के साक्षी बनने को तैयार थे। कुंभ मेला क्षेत्र में प्रमुख स्थानों पर विशेष रूप से दस स्टॉल लगाए गए थे, जो तीर्थयात्रियों को इस अनुभव की सुविधा प्रदान कर रहे थे। इन स्टॉलों पर, आगंतुक और तीर्थयात्री कुंभ 2019 के वीडियो देख सकते थे और विशेष वीआर हेडसेट का उपयोग करके ऐसा अनुभव कर सकते थे, जैसे वे वास्तव में उन घटनाओं में उपस्थित हों। इन स्टॉलों पर पेशवाई (अखाड़ों की भव्य शोभायात्रा), शुभ स्नान दिवस (स्नान), गंगा आरती और इस महान विश्वास और सद्भावना के त्योहार की कई विशेष फुटेज जैसे प्रमुख घटनाओं के वीडियो दिखाए जा रहे थे।

महाकुम्भ मेला 2025 प्रयागराज में पेशवाई

पेशवाई (प्रवेशाई)

कुम्भ के दौरान होने वाले सभी प्रमुख उत्सवों में से ’’पेशवाई’’ एक महत्त्वपूर्ण स्थान रखता है। ’’प्रवेशाई’’ शब्द के लिये स्थानीय बोली में पेशवाई शब्द का प्रयोग होता है, जो कुम्भ मेले की शुरुआत के अवसर पर दुनिया भर से आए लोगों का स्वागत करने के लिए निकाली जाने वाली भव्य शोभायात्रा को दर्शाता है। इस शोभायात्रा में साधु-सन्त, हाथी, घोड़े और भव्य बग्घियों पर सवार होकर बैंड-बाजे के साथ कुम्भ मेला क्षेत्र में प्रवेश करते हैं। इसके अलावा, अखाड़ों के जुलूस का स्वागत करने और इसकी भव्यता को और बढ़ाने के लिए बड़ी संख्या में लोगों ने परिचारिका के रूप में अपनी सेवाएँ देते हैं और गुजरने वाले जुलूस पर फूलों की पंखुड़ियाँ बरसाते हैं। पेशवाई के दौरान माहौल उत्सव और उत्साह से भरा रहता था।